नवरात्र के तृतीया को लगने वाला प्राचीन गणगौर मेला इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण स्थगित कर दिया गया है। शहर में यह मेला तकरीबन 200 साल से लग रहा है। इसकी शुरुआत गोकुलपुरा से हुई थी।
यहां 22 से अधिक गणगौर के जोड़े सजाए जाते हैं। इसके बाद मोती कटरा और कमलानगर में भी यह मेला आयोजित किया जाने लगा, लेकिन अबकी बार कहीं भी मेला नहीं लगाया जा रहा है।
गोकुलपुरा में गणगौर मेले की परंपरा राजस्थान के लोगों के यहां आने के बाद से शुरू हुई। यहां हर समाज की ओर से गणगौर के जोड़े सजाए जाते हैं। शिव पार्वती के स्वरूप में गणगौर की पूजा की जाती है। महिलाएं व्रत रखकर इनका पूजन करती हैं।